
संक्षेप:-
Pahalgam Attack:- पहलगाम में आतंकी हमले में एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में कुछ लोग मैदान पर बैठे हैं और उनके समक्ष एक आतंकी खड़ा है। देखते ही देखते गोलियां चलने लगती हैं। वायरल वीडियो की अमर उजाला पुष्टि नहीं करता है।
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में गत मंगलवार को हुए आतंकी हमले का एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में पहलगाम के एक मैदान में टूरिस्ट पर हमला करते रहे एक आतंकी दिखाई दे रहे हैं। चीखना-चिल्लाना यह आवाज भी वीडियो में आ रही है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वीडियो में ज्यादा साफ नहीं दिखाई दे रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि पहलगाम के मैदान में कुछ लोग बैठे हैं। वहां एक संदिग्ध हाथ में हथियार लिए दिखाई दे रहा है। मंगलवार को हुए हमले में आतंकियों ने 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी थी। जबकि 14 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं।
पहलगाम ग्राउंड में आतंकी पर्यटकों पर हमला करते देखे जा सकते हैं। पर्यटक नीचे बैठे हैं और आतंकी खड़ा है। पहले लोगों को इकठ्ठा भी किया गया। इसके बाद गोलियों से भून दिया। वायरल वीडियो की अमर उजाला पुष्टि नहीं करता है। जांच में यह जानकारी सामने आई है कि आतंकियों ने जानबूझकर पहलगाम को ही हमले के लिए चुना था। यहां पर सुरक्षाबलों की तैनाती नहीं है। आतंकियों ने छिपने के लिए पीर पंजाल के घने जंगल में ठिकाने बना लिया।
प्रकाश परीक्षण परीक्षण परीक्षण के बाद, एक पांच से सात आतंकवादियों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, इन आतंकियों ने पाकिस्तान में प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्हें दो स्थानीय आतंकवादियों से भी सहायता मिली। उपलब्ध सबूतों के आधार पर अधिकारियों ने बताया कि मृतक पर्यटकों में से एक की पत्नी की ओर से की गई पहचान के आधार पर बिजबेहरा निवासी आदिल थोकर उर्फ आदिल गुरी की भूमिका सामने आई है।
Official believe 2018 में आदिल थार पहुंच गया था पाकिस्तान गया था। वहां उसने प्रतिबंधित लश्कर-ए-ताइबा (एलईटी) आतंकवादी संगठन के साथ सशस्त्र training distribution लिया और फिर हमलों को अंजाम देने के लिए भारत में घुसपैठ की। अधिकारियों ने बताया कि प्रत्यक्षदर्शियों को कम से कम छह से सात तस्वीरें दिखाई गई। इसमें से एक में आदिल कीGenerated पहचान उस आतंकवादी के रूप में हुई, जो गोली चला रहा था। उन्होंने बताया कि घटना के बाद आतंकवादी पीर पंजाल के घने देवदार के जंगलों में गायब हो गए।
आतंकी बॉडी कैमरा लगाए थे
Pahalgam Attack:- अधिकारियों ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि आतंकवादी अपने बर्बर कृत्य को रिकॉर्ड करने के लिए बॉडी कैमरा लेकर आए थे। जांच से पता चला है कि मंगलवार को बायसरन मैदान में चार आतंकवादियों ने पर्यटकों को पंक्तिबद्ध कर नजदीक से गोलियां चलाई। वहीं कम से कम एक से तीन आतंकवादी निकटवर्ती सुरक्षाबलों पर नजर रखने के लिए रणनीतिक रूप से तैनात थे।
तीन हमलावर दरिंदों का स्केच जारी
Pahalgam Attack:- पहलगाम में जिन तीन आतंकियों ने भयावह हमले को अंजाम दिया था, उनके स्केच सुरक्षा एजेंसियों ने बुधवार को जारी किए। 26 पर्यटकों की जान लेने वाले ये तीन दरिंदे पाकिस्तानी हैं और उनके नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा हैं। इनके कोड नाम मूसा, यूनुस व आसिफ थे और वे पहले से पुंछ में आतंकी घटनाओं में शामिल रहे हैं।
सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी हमले के प्रत्यक्षदर्शियों की मदद से ये स्केच तैयार कराए हैं। काले और सफेद रंग में तैयार पेंसिल स्केच से तीनों के युवा होने का आभास मिलता है। तीनों ने दाढ़ी भी रखी है। तीनों प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइवा के सहयोगी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) से जुड़े हैं। इसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
2019 में सामने आया टीआरएफ, बनाने में लश्कर-ए-ताइबा और आईएसआई का हाथ
Pahalgam Attack:- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में घातक आतंकी हमले में 26 लोगों की हत्या हो गई। वहीं इस हमले के बाद ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) संगठन फिर एक बार समाचार पर चर्चित हुआ। असल में इस आतंकी हमले के लिए टीआरएफ जिम्मेदार है। इसके साथ ही यह भी प्रमाणित हो गया है कि कश्मीर की घाटी में यह आतंकी संगठन अभी भी कितना सक्रिय है।
2019 में हुआ इसका गठन, सज्जा गुल है मास्टरमाइंड
‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) आतंकी संगठन की स्थापना साल 2019 में हुई थी। सगंठन का मास्टरमाइंड सज्जाद गुल, जबकि चीफ ऑपरेशनल कमांडर बासित अहमद डार है, जो पाकिस्तान में बैठकर इसका संचालन करता है। इसके निर्माण का उद्देश्य यही था कि लश्कर जैसे पुराने आतंकी संगठनों का एक नया चेहरा दिया जा सके ताकि पाकिस्तान का नाम सीधे तौर पर ऐसे हमलों में सामने न आए। आपको बता दें कि इस आतंकी संगठन का निर्माण करने में लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का सीधा हाथ रहा है।
1990 के बाद पहली बार किसी आतंकी संगठन को गैर इस्लामिक नाम दिया गया
Pahalgam Attack:- आईएसआई की रणनीति के अन्तर्गत ये नाम बदल-बदलकर आते रहते हैं। 1990 में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट बनने पर पहली बार किसी आतंकी संगठन को गैर इस्लामिक नाम दिया गया है। इस संगठन को अंग्रेजी नाम इसलिए दिया गया है ताकि दुनिया को ऐसा लगे कि ये कोई नया संगठन है और इसमें पाकिस्तान की भूमिका नहीं है।
टीआरएफ के कुछ बड़े हमले
अप्रैल 2020
कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में घुसपैठ के बाद हमले में जेसीओ सहित 5 सैनिकों को मारा।
30 अक्तूबर 2020
साउथ कश्मीर के कुलगाम जिले में भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं को गोली मारकर हत्या।
26 नवंबर 2020
श्रीनगर के लवेपोरा इलाके के पास श्रीनगर-बारामुला हाईवे पर दो सैनिकों को गोली मारी, हथियार छीने, मर्डर का वीडियो बनाकर पोस्ट किया।